शांत झील का मंज़र हो चाँद झूमर सा टंगा रात की ठोड़ी पर झूलता हो, तारे मखमली रुई सी शांत झील का मंज़र हो चाँद झूमर सा टंगा रात की ठोड़ी पर झूलता हो, तारे...
हमनें भी उनसे कहा मोहतरमा, पहले प्यार का इज़हार तो करें। हमनें भी उनसे कहा मोहतरमा, पहले प्यार का इज़हार तो करें।
सुनो ना तुम्हें हम चौदहवीं के चांँद कह बुलायेंगे, तुमको हम अपनाकर अपना हमसफ़र बनाएंगे। सुनो ना तुम्हें हम चौदहवीं के चांँद कह बुलायेंगे, तुमको हम अपनाकर अपना हमसफ़र...
तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।
मेरे धरा के चौदहवीं के चाँद, सुन दूरी न रहे कोई मेरे चाँद। मेरे धरा के चौदहवीं के चाँद, सुन दूरी न रहे कोई मेरे चाँद।
एक खूबसूरत शाम, चाँद के बहाने एक खूबसूरत शाम, चाँद के बहाने